निदेशालय अल्पसंख्यक कल्याण, उत्तराखण्ड, देहरादून।
अल्पसंख्यक वर्गों की सामाजिक एवं आर्थिक पृष्ठभूमि के परिप्रेक्ष्य में उनकी विशिष्ट समस्याओं का निराकरण करने एवं उनका शैक्षिक, सामाजिक एवं आर्थिक विकास करके उन्हें राष्ट्र एवं समाज की मुख्यधारा में लाने के उद्देश्य से शासन द्वारा अनेक योजनाऐं चलाई जा रही है। ऐसी योजनाओं के क्रियान्वयन, संचालन एवं समन्वय के लिये अल्पसंख्यक कल्याण विभाग प्रतिबद्व है।
शासनादेश संख्या-&1183/XVII-3/11-07(63)/2006 दिनांक 02 दिसम्बर, 2011 द्वारा उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय के गठन की स्वीकृति प्रदान करते हुए उत्तराखण्ड सचिवालय प्रशासन के कार्यालय ज्ञाप संख्या-&510/XXXI(1)/2002 देहरादून दिनांक 24 अप्रैल, 2012 द्वारा पृथक अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय गठित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है।
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अन्तर्गत आने वाली विभिन्न योजनाओं के संचालन तथा विभाग के विभिन्न अंगो के मध्य समन्वय किये जाने लिए अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय का गठन किया गया है।
2. उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक आयोग, देहरादून।
राज्य के अल्पसंख्यक वर्गों के हितों की रक्षा के लिए दिनांक 27 मई 2003 को उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया गया, जिसमें अध्यक्ष/उपाध्यक्ष सहित सदस्यों की नियुक्ति की गयी तथा उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक आयोग, नें 29 सितम्बर 2003 को कार्य करना प्रारम्भ कर दिया। उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक आयोग अपनें गठन के पश्चात से ही अल्पसंख्यक वर्ग के व्यक्तियों के लिए सतत् प्रयत्नशील है। अपनें अल्पकालिक कार्यकाल में आयोग नें अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए एवं हितों की रक्षा के लिए पूर्ण कटिबद्वता से कार्य किया है।
उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक आयोग के कार्य-
1. उत्तराखण्ड में अल्पसंख्यकों के विकास की प्रगति का मूल्यांकन करना।
2. संविधान और राज्य विधान सभा द्वारा पारित अधिनियमों/विधियों में उपबन्धित अल्पसंख्यकों से संबंधित रक्षोपायों के कार्यकरण का अनुश्रवण करना।
3. अल्पसंख्यकों के विरूद्ध किसी विभेद से उत्पन्न होनें वाली समस्याओं का अध्ययन करवाना और उनके निराकरण के उपायों की सिफारिश करना।
4. किसी अल्पसंख्यक समुदाय के संबंध में सरकार द्वारा समुचित उपाय किये जाने हेतु सुझाव देना।
3. उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक कल्याण तथा वक्फ विकास निगम, देहरादून।
उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक कल्याण तथा वक्फ विकास निगम का गठन 06 जनवरी 2005 को कंपनी अधिनियम 1956 के सैक्शन 25 के अन्तर्गत किया गया। निगम अल्पसंख्यक कल्याण विभाग उत्तराखण्ड सरकार का उपक्रम है।
उद्देश्य:-
राज्य गारन्टीः-
उत्तराखण्ड शासन द्वारा इस निगम को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम का राज्य चैनेलाइजिंग एजेन्सी नामित किया गया है। जिसे राज्य सरकार के आदेश संख्या 87@XV11(1)/-3/2006-43(स.स.क.)/05 दिनांक 1, फरवरी 2006 द्वारा राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम नई दिल्ली 500.00 लाख की धनराशि की स्टेट गारन्टी प्रदान की गई हैं।
4. उत्तराखण्ड मदरसा बोर्ड, देहरादून।
राज्य के मदरसो की मदरसा बोर्ड की परीक्षाओं का आयोजन वर्ष 2005 तक उ0प्र0 मदरसा बोर्ड द्वारा ही किया जाता था। राज्य के मदरसों को मान्यता देने एवं मदरसों की परीक्षा कराने के उद्देश्य से शासनादेश सं0-813/XVII(1)-3/06- 07(11)/2005 दिनांक 03 अगस्त, 2006 के द्वारा मुस्लिम एजुकेशन मिशन के पर्यवेक्षण में मदरसा अरबी फारसी बोर्ड की स्थापना की गई। शासनादेश संख्या 1209/ग्टप्प् -3/11-07(11)/2005 टी0सी0 दिनांक 09 दिसम्बर, 2011 के द्वारा उत्तराखण्ड मुस्लिम एजुकेशन मिशन के समस्त पदों को समर्पित करते हुए देहरादून में उत्तराखण्ड मदरसा बोर्ड का गठन किया गया।
5. उत्तराखण्ड राज्य हज समिति, पीरान कलियर, रूड़की।
उत्तराखण्ड शासन के कार्यालय ज्ञाप संख्या 529/स0क0/02-87/दिनांक 10 जून 2002 के माध्यम से उत्तराखण्ड हज समिति की स्थापना की गई है। उत्तराखण्ड राज्य हज समिति ने 18 फरवरी, 2003 से अपना कार्य प्रारम्भ किया गया। उत्तराखण्ड राज्य हज समिति में एक अध्यक्ष तथा 15 सदस्य नामित किये जाते हैं।
उत्तराखण्ड राज्य मे राज्य हज कमेटी के गठन से प्रत्येक वर्ष हज यात्रा पर गये हाजियों की संख्या का विवरण निम्नवत् है।
क्र.स. |
वर्ष |
आवंटित कोटा |
आवेदन पत्र |
यात्रा पर गये आवेदक |
1 |
2015 |
725+43(अतिरिक्त) |
4634 |
771 |
2 |
2016 |
725+131(अतिरिक्त) |
4856 |
856 |
3 |
2017 |
1061 |
4694 |
1075 |
4 |
2018 |
1220 |
4100 |
|
6. जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कार्यालय, (जनपद देहरादून, हरिद्वार, उधम सिंह नगर एवं नैनीताल)
पूर्व में सभी जनपदों में अल्पसंख्यक कल्याण से संबंधित योजनाओं का क्रियान्वयन जनपद स्तर पर जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा सम्पादित किया जा रहा था। अल्पसंख्यकों के कल्याणार्थ संचालित योजनाओं को जनपद स्तर पर प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन के दृष्टिगत अल्पसंख्यक बाहुल्य जनपदों यथा देहरादून, हरिद्वार, उधम सिंह नगर एवं नैनीताल में जिला अल्पसंख्यक कल्याण कार्यालयों की स्थापना की गई है।
7. उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड, देहरादून।
राज्य में वक्फ सम्पत्तियों की देख-रेख एवं रख-रखाव हेतु वक्फ बोर्डों की स्थापना की गयी है।
8. 15-सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति, देहरादून।
माननीय राष्ट्रपति ने 25 फरवरी, 2005 को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए घोषणा की थी कि सरकार कार्यक्रम विशिष्ट बातों को ध्यान में रखते हुए अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए नए सिरे से 15-सूत्री कार्यक्रम तैयार करेगी। स्वतंन्त्रता दिवस 2005 के अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम अपने संदेश में अन्य बातों के साथ-साथ कहा कि ’’ हम अल्पसंख्यकों के लिए संशोधित एंव बेहतर 15-सूत्री कार्यक्रम तैयार करेंगे। नए 15-सूत्री कार्यक्रम के निश्चित लक्ष्यों को निर्धारित समय-सीमा में प्राप्त किया जाएगा।’’ इन्हीं वचनबद्धताओं के अनुपालन में पिछले कार्यक्रम को संशोधित करते हुए अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री का नया 15 सूत्री कार्यक्रम प्रदेश में भी तैयार किया गया है।
9. उत्तराखण्ड वक्फ विकास परिषद का गठन
उत्तराखण्ड राज्य में वक्फ सम्पत्तियों के संरक्षण, सुरक्षा एवं उनके अवस्थापना सुविधाओं का विकास तथा आर्थिकी उन्नयन किये जाने संबंधी रूपरेखा तैयार करने एवं सुझाव देने के साथ-साथ राज्य पोषित वक्फ सम्पत्तियों की सुरक्षा एवं संरक्षण संबंधी निर्माणाधीन योजनाओं का अनुश्रवण हेतु उत्तराखण्ड वक्फ विकास परिषद का गठन किया गया है।
10. उत्तराखण्ड राज्य अल्पसंख्यक हुनर परिषद का गठन
उत्तराखण्ड राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय के आर्थिक विकास, रोजगार के अवसर उत्पन्न करना, उनके पारंपरिक कौशल का संरक्षण, पुनर्जीवीकरण एवं उन्नयन, विभिन्न विधाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण देते हुये स्वरोजगार स्थापित करने के उद्देश्य से ’’उत्तराखण्ड राज्य अल्पसंख्यक हुनर परिषद’’ का गठन किया गया है।