भारतीय संविधान के अनुसार अल्पसंख्यक मुख्यतः दो प्रकार के हैं। प्रथम-धार्मिक अल्पसंख्यक, द्वितीय-भाषाई अल्पसंख्यक। उत्तराखण्ड में धार्मिक अल्पसंख्यक के रूप में मुख्यतः मुस्लिम, सिक्ख, ईसाइ, बौद्ध एवं जैन समुदाय निवासरत् हैं। भाषाई अल्पसंख्यक के रूप में उर्दू भाषी, बंगाली भाषी, एवं पंजाबी भाषी मुख्यतः निवासरत् हैं। राज्य में धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय की जनसंख्या 2001 की जनगणना के अनुसार कुल जनसंख्या का लगभग 15.4 प्रतिशत है। इस समुदाय के समग्र विकास हेतु जनपद हरिद्वार एवं ऊधमसिंहनगर में बहुक्षेत्रीय विकास (एम0एस0डी0पी0) योजना भारत सरकार द्वारा संचालित की जा रही है, लेकिन उक्त योजना की गाईड-लाईन से कतिपय महत्वपूर्ण विकास कार्यक्रम आच्छादित नहीं हो पा रहे हैं, तथा उक्त दोनों जनपदों के अतिरिक्त राज्य के शेष जनपदों को उक्त योजनान्तर्गत आच्दादित नहीं किया जा सकता है। अतः अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अंतर्गत राज्य सरकार रू0 04.00 करोड़ की प्रारम्भिक धनराशि से ‘‘अल्पसंख्यक विकास निधि‘‘ की स्थापना कर रही है। view more...